पवित्र खरगोश, निर्वासित शीतकालीन चुड़ैलों और बुतपरस्त पूजा - ईस्टर बनी परंपराओं की जड़ें प्राचीन हैं
एक लोकगीतकार पौराणिक ईस्टर बनी की प्रागैतिहासिक उत्पत्ति की व्याख्या करता है और यह क्यों लंबे समय से सांस्कृतिक प्रतीक प्रत्येक वसंत में लौटता रहता है।